Friday, 31 December 2010

Thursday, 30 December 2010

Saturday, 25 December 2010

Friday, 24 December 2010

Monday, 20 December 2010

Friday, 17 December 2010

Thursday, 16 December 2010

Wednesday, 15 December 2010

Tuesday, 14 December 2010

Monday, 13 December 2010

Saturday, 11 December 2010

Thursday, 9 December 2010

HARI SHARNAM

स्वामीजी के विचार

विवेक शून्य सदाचार तो वृक्षों में भी है परन्तु उन्हें कोई मानवता नहीं मिलती, क्योकि वे बेचारे जड़ता के दोष में आबद्ध है | संग्रह रहित बहुत से पशु भी होते है , परन्तु उन बेचारो को कोई साम्यवादी या परमहंस नहीं कहता | पराये बनाये घर में बहुत से पशु रह सकते है , पर उन्हें कोई विरक्त नहीं कहता | इससे यह सिद्ध हुआ कि विवेकपूर्वक उदारता एवं त्याग से ही मानव "मानव" होता है | - मानव की मांग पेज ११